विशेष संस्करण अक्टूबर माह के प्रमुख त्योहारों पर आधारित है ,और इसके कवर पेज को इसी को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों के द्वारा तैयार किया गया है ,पत्रिका में त्योहारों की थीम पर आधारित रचनाओं के साथ-साथ विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत अभियान की शपथ, टेल्स एंड ट्रीविया प्रतियोगिता, व्हिस्पर ऑफ द म्यूज, और वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है।
इस अंक में विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई कविताओं को विशेष रूप से सराहा गया है। “साहित्य विमर्श” पूर्णतः छात्र-छात्राओं द्वारा संचालित पत्रिका है, जिसमें लेखन और संपादन का कार्य विद्यार्थी स्वयं करते हैं। इस संस्करण का संपादन प्रथम सेमेस्टर की तीन मेधावी छात्राओं – अंजू उपाध्याय, अनुप्रिया मिश्रा और सोनम जायसवाल ने किया है। अपने संपादन कौशल और रचनात्मक दृष्टिकोण से उन्होंने पत्रिका को एक नया आयाम प्रदान किया है।
इस अवसर पर कुलपति, प्रोफेसर पूनम टंडन ने छात्रों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, कि साहित्य विमर्श न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और संपादन कौशल को भी निखारता है। यह पत्रिका विभाग और विश्वविद्यालय की सामूहिक उपलब्धियों का परिचायक है।अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे विभाग के छात्र-छात्राओं ने ‘साहित्य विमर्श’ के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और संपादन कौशल को एक नई दिशा दी है। यह पत्रिका उनके विचारों और प्रतिभाओं को व्यक्त करने का अद्भुत मंच है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के रचनात्मक प्रयासों और विभागीय पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। “साहित्य विमर्श” को विश्वविद्यालय और विभाग के नवाचारों का प्रतीक माना गया।इस अवसर पर शोध छात्र नितेश सिंह, जेहरा शमशीर तथा छवि मिश्रा भी उपस्थित रहे।