15दिवसीयअपराधसाइबर कार्यशाला का एसएसपी ने किया शुभारंभ……….

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गोरखपुर। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश मुकुल गोयल के आदेश पर आधारभूत साइबर क्राइम प्रशिक्षण 15 सितंबर 2021 से 30 सितंबर-2021तक चलने वाले साइबर अपराध कार्यशाला का शुभारम्भ ऑनलाइन एडीजी लायन आर्डर प्रशांत कुमार आईजी लायन आर्डर राजेश मोदक डी राव द्वारा लखनऊ से किया गया प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस लाइन गोरखपुर के व्हाईट हाउस में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताड़ा पुलिस अधीक्षक अपराध डॉ महेंद्र पाल सिंह ने राजपत्रित अधिकारियों व कर्मचारियों को साइबर अपराध नियंत्रण करने के लिए साइबर अपराध कार्यशाला में विस्तृत जानकारियां दी जिसमे पुलिस अधीक्षक नगर सोनम कुमार पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी सहायक पुलिस अधीक्षक राहुल भाटी व सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह सीओ कोतवाली विमल कुमार सिंह सीओ कैम्पियरगंज अजय कुमार सिंह सीओ ऑफिस अशोक शुक्ला व रेंज साइबर थाने के समस्त कर्मी, साईबर सेल गोरखपुर के समस्त कर्मी, ट्रेनिंग कर रही महिला रिक्रूट आरक्षी व समस्त शाखा प्रभारी/पुलिस कार्यालय गोरखपुर के 150 कर्मियो तथा जनपद के समस्त थानो के 325 कर्मचारियो के साथ कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया। यह कार्यशाला 10 दिन की होगी जिसमे जनपद गोरखपुर की तरफ से पुलिस कर्मी प्रतिभाग करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा ने कहा कि साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ चुनौती बन गया है। शातिर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। इन शातिरों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन कर बेहतर तरीके से साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए ट्रेनिंग दी गई पुलिस थानों में आने वाली शिकायतों को नजरअंदाज न करें। हरेक शिकायत पर त्वरित कार्रवाई कर साइबर सेल व साइबर थाने की मदद लेकर पीड़ित को राहत पहुंचाएं। साइबर अपराध के बढ़ते मामले को ध्यान में रखकर विवेचक, मुंशी समेत अन्य पुलिस कर्मचारियों को साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जानकारी देने के लिए पंद्रह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस अधीक्षक अपराध व साइबर एक्सपोर्ट के द्वारा दिया जाएगा
डॉ ने कहा कि वर्तमान समय में तेजी से पैर पसार रहे साइबर अपराध, आन लाइन फ्राड एवं सोशल मीड़िया से संबंधित अपराधों की रोकथाम करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। लोगों को ठगी से बचाने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। साइबर अपराध की विवेचना किस तरह से करने से अज्ञात आरोपित तक पहुंचा जा सकता है, इसके लिए हाइटेक ज्ञान बेहद जरूरी है। विवेचना में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर साइबर सेल व थानों के अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लेकर त्वरित निराकरण करें।

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