गोरखपुर। राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज जंगल अहमद अली उर्फ तुर्रा पिपराइच रोड को जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के जांच के उपरांत निर्देश पर नायब तहसीलदार पिपराइच व अपर नगर मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम ने आज शनिवार को किया कॉलेज को सील। छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाए थे कि परीक्षा नहीं कराने के साथ एक लाख रुपए और डोनेशन-एडमिशन फीस वसूलने के साथ कालेज के फर्जी होने की जानकारी होने पर छात्र-छात्राओं ने चक्का जाम कर दिया था देर शाम तक छात्र-छात्राएं शहर के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डीएम आफिस के बाहर पहुंच कर सैकड़ों छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए थे और कॉलेज के खिलाफ नारेबाजी कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर न्याय की मांग किए थे कॉलेज प्रशासन जिस पत्र का हवाला देकर छात्र छात्राओं का कॉलेज में दाखिला ले रहे थे जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने शासन स्तर से चिकित्सा विभाग द्वारा जांच कराया जो 16 नवंबर 2021 के शासना पत्र के आधार पर छात्र छात्राओं का कॉलेज में दाखिला लिया जा रहा था चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया गया था वह फर्जी पाया गया है उसके आधार पर कॉलेज को सील किया गया। जिलाधिकारी ने अपने स्तर से सीएमओ द्वारा चिकित्सा शिक्षा विभाग भेज कर गोपनीय जांच कराने के बाद राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज जंगल अहमद अली शाह उर्फ तुर्रा पिपराइच रोड को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट /एसडीएम सदर कुलदीप मीना सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव की संयुक्त टीम गठित कर राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज जंगल अहमद अली शाह उर्फ तुर्रा पिपराइच रोड सील करने का निर्देश दिया अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए नायब तहसीलदार पिपराइच वशिष्ठ वर्मा व अपर सिटी मजिस्ट्रेट अंशुमान सिंह स्थानीय पुलिस के साथ पहुंचकर कॉलेज को सील कर दिया।
राज स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज की मान्यता बहाली का शासनादेश फर्जी था। इसकी जानकारी होने पर शासन के संयुक्त सचिव ने कोतवाली थाने में दुर्गाबाड़ी स्थित कालेज के संचालकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया था कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है। शासन के संयुक्त सचिव अनिल सिंह ने कोतवाली पुलिस को भेजी तहरीर में लिखा कि दुर्गाबाड़ी स्थित राज स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल की मान्यता बहाल किए जाने के संबंध में 16 नवंबर 2021 को शासना से पत्र जारी होने की जानकारी मिली। पत्र के आधार पर कालेज द्वारा छात्रों का प्रवेश लिया जा रहा था। छानबीन की गई तो पता चला कि शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी दर्शाया गया पत्र फर्जी है। बरहाल शासन स्तर से जांच चल रहा है सील करते समय क्षेत्रीय लेखपाल व अमीन कोई अन्य राजस्व लेखपाल दिनेश पंकज तथा अमीन योगेंद्र चौबे सहित अन्य मौजूद रहे।