राज्य ललितकलाअकादमी उत्तर प्रदेश,संस्कृति विभाग द्वारा पूर्वांचल में क्रांति की ज्वालाविषयक पांचदिवसी -य चित्रकला कार्यशाला का समापन…………..

शिक्षा-स्वास्थ्य

राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश, संस्कृति विभाग एवं चंद्रकांति रामावती आर्य महिला पीजी कॉलेज तथा संस्कार भारती महानगर गोरखपुर की संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कला रंग कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्वांचल में क्रांति की ज्वाला विषयक पांच दिवसीय चित्रकला कार्यशाला का समापन हुआ। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के पूर्व सदस्य डॉ भारत भूषण एवं संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश के पूर्व सदस्य हरिप्रसाद सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। चंद्रकांति रामावती आर्य महिला पीजी कॉलेज के कला दीर्घा में लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप जलाकर एवं पुष्प अर्पित कर किया ।
इस दौरान अतिथियों ने कार्यशाला में शामिल 49 कलाकारों द्वारा बनाए चित्रों का अवलोकन किया । कार्यशाला में शामिल कलाकारों ने देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले पूर्वांचल के अमर शहीदों को अपने चित्रों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। कलाकारों को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि हरी प्रसाद सिंह ने कहा गोरखपुर की पहचान यहां से प्रकाशित होने वाले धार्मिक ग्रंथ गीता से हैं ,गीता प्रेस से परिसर में बनाए जो चित्र बने हैं उसकी अपनी अलग छवि है । विश्व प्रसिद्ध चित्रकार अमृता शेरगिल के चित्रों में यहां की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। हमें गर्व है कि इन्हीं नवोदित कलाकारों में से कोई शहर का नाम राष्ट्रीय फलक पर करेगा। मुख्य अतिथि डॉ भारत भूषण ने कहा कि अनुशासन के साथ किया गया कोई भी कार्य अपनी उत्कृष्टता पर पहुंचती है । उन्होंने कहा इन चित्रों को देखकर मजबूत संभावना दिखाई दे रहा है। कार्यशाला संयोजक डॉक्टर डॉ रेखारानी शर्मा ने कहा किसी भी देश की सांस्कृतिक क्षरण को रोकने का दायित्व कलाकारों की है जिन्होंने समय-समय पर अपने चित्रों, नाटक एवं गीतों के माध्यम करने का कार्य किया है। प्रशिक्षक श्रीमती ममता श्रीवास्तव ने कहा कि कार्यशाला में शामिल सभी कलाकारों में एक असीम ऊर्जा दिखाई दी साथ ही उन्हें देश की आजादी में शहीद होने वाले अमर सपूतों को जानने की ललक भी दिखाई दिया। इनके साथ 5 दिन कार्य करते हुए बेहद प्रसन्नता हुई। इसके पूर्व अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन महाविद्यालय की दृश्य कला विभाग की प्रवक्ता डॉ ज्योत्सना त्रिपाठी ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ पवन सिंह, डॉक्टर विवेक,सुशील गुप्ता, भास्कर विश्वकर्मा,विनीता श्रीवास्तव, मोना शाह,समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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