प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में यूक्रेन से लौटे छात्रों से मुलाकात की है. वतन वापस लौटे छात्रों ने पीएम से अपने अनुभव साझा किए.
दरअसल इन दिनों यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है. ऐसे में वहां मेडीकल की पढ़ाई कर रहे करीब 20 हजार भारतीयों को पीएम मोदी ने ऑपरेशन गंगा के तहत वहां से निकाला है. भारत सरकार वहां फंसे अपने छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई है. ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को लाने के लिए सभी फ्लाइटों का चक्कर भी बढ़ा दिया गया है.
वाराणसी, भदोही, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, गाजीपुर, आजमढ़ सहित अन्य जिलों के छात्र एवं छात्राएं एयरपोर्ट पर पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री से पहली बार मिलने को लेकर छात्र काफी प्रसन्न दिखाई दिए। एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा सभी छात्रों का पास पहले से ही बनाकर तैयार था।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा को जो भी समस्या है आप सभी के हित को ध्यान में रखते हुए उसका निस्तारण किया जाएगा। साथ ही यूक्रेन में फंसे हुए सभी छात्रों को जल्द से जल्द सकुशल भारत लाया जाएगा.
छात्रों ने यूक्रेन के हालात और अपनी आपबीती मोदी को सुनाई। कुछ बच्चों ने कहा कि हमारे चार साल पूरे हो चुके हैं। अब केवल एक साल की पढ़ाई बाकी है। ऐसे में हमारा साल बर्बाद नहीं होना चाहिए। हमारी डिग्री की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि बच्चों को बाहर न जाना पड़े। भारत में ही कम पैसे में मेडिकल शिक्षा की व्यवस्था होगी। छात्रों की दिक्कतों का सरकार ध्यान रखेगी।