गोरखपुर। जीडीए के नए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन आज शुक्रवार को शाम कार्यभार ग्रहण किया। बुधवार को शासन से उनकी तैनाती की गई है।
वर्ष 2017 के आईएएस अधिकारी आनंद वर्द्धन नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) के अधिशासी निदेशक (एसीईओ) की जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके पूर्व वह बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बाराबंकी में तैनात रह चुके हैं। उसके बाद उन्होंने लगभग दो साल तक मुरादाबाद में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य किया। वहां से उनका स्थानांतरण ग्रेटर नोएडा में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) के पद पर हुआ था। जीडीए वीसी का पदभार ग्रहण करने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने बताया कि जीडीए अथॉरिटी के लंबित परियोजनाओं को प्रमुखता से स्थान देकर पूर्ण करने का कार्य किया जाएगा। जिससे जनपद का विकास हो सके हमारी पहली प्राथमिकता होगी जीडीए उपाध्यक्ष ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपने अधिकारियों से परिचय प्राप्त कर बैठक करते हुए निर्देशित किया कि संबंधित पटल के अधिकारीगण अपने-अपने दिए गए दायित्व का बखूबी निर्वहन करते हुए अपने-अपने कार्यों को ईमानदारी पूर्वक निस्तारित करने का कार्य करेंगे जिससे अथॉरिटी में आने वाले हर आगंतुकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके आने वाले किसी भी आगंतुक को बेवजह परेशान करने का कार्य ना किया जाए उनकी समस्याओं का समाधान न्याय संगत निस्तारित किया जाए। आनंद वर्धन बिहार के छोटे से गांव के रहने वाले आनंद वर्धन यूपीएससी का सफर हर कैंडिडेट के लिए अलग अनुभव वाला होता है कोई यहां पहले प्रयास में सफलता प्राप्त कर लेता है, तो किसी को अपना सपना पूरा करने के लिए कई सालों तक संघर्ष करना पड़ता है|
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2016 में ऑल इंडिया रैंक 7 प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाले आनंद वर्धन बिहार के एक गांव से निकलकर यूपीएससी में सफलता हासिल की उन्हें यह सफलता अपने चौथे प्रयास में मिली आनंद वर्धन मूल रूप से बिहार के रहने वाले है वे पढ़ाई में हमेशा से होशियार थे और उनकी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने शहर में हुई इसके बाद आनंद ने इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने का मन बनाया।इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें नौकरी मिल गई अब तक उनके मन में यूपीएससी का कोई ख्याल नहीं था. लेकिन कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्होंने आईएएस बनने की ठानी
आनंद ने नौकरी के साथ ही यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी करने का फैसला किया. उन्होंने वीकेंड्स पर अपनी पढ़ाई के लिए ज्यादा समय दिया, तो हर दिन ऑफिस के बाद कुछ घंटे पढ़ाई के लिए निकाले
हालांकि शुरुआती 3 प्रयासों में वे प्री-परीक्षा में पास नहीं हो पाए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे. आखिरकार चौथे प्रयास में उनकी किस्मत अच्छी रही।
आनंद का मानना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए कोचिंग ज्वाइन करना या न करना आपके ऊपर निर्भर करता है|
अगर आपके पास सही गाइडेंस है तो आप बिना कोचिंग के लिए इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. वे कहते हैं कि अच्छी रणनीति बनाकर अगर आप लगातार सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो एक न एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी।