अगर दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही हो, भूख न लगे, तेजी से वजन घट रहा हो, बलगम से खून आ रहा हो और रात में पसीने के साथ बुखार आता हो तो यह टीबी का भी लक्षण हो सकता है । ऐसे लक्षण वाले लोगों की जांच के लिए इस बार भी गोरखनाथ मंदिर परिसर में चल रहे खिचड़ी मेले में सुविधा उपलब्ध कराई गई है । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी । वहीं, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने अपील की है कि समय से जांच और इलाज शुरू करने से दूसरों तक टीबी संक्रमण की आशंका कम हो जाती है, इसलिए लोग लक्षण दिखते ही जांच के लिए आगे आएं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि टीबी जांच के साथ साथ सम्पूर्ण इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है । जिन लोगों में जांच के बाद टीबी की पुष्टि हो जाती है उनका इलाज करने के साथ साथ पांच सौ रुपये प्रति माह उनके खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत पोषक तत्वों से भरपूर खानपान के लिए दिये जाते हैं । मरीज के पूरे परिवार की टीबी जांच कराई जाती है और अन्य सदस्यों में टीबी न मिलने पर भी छह माह तक सभी को बचाव की दवा खिलाई जाती है । प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी और मधुमेह की जांच भी कराई जाती है, ताकि सहरुग्णता के अनुसार टीबी का इलाज किया जा सके। जांच कर यह भी देखा जाता है कि मरीज ड्रग सेंसिटिव (डीएस) टीबी मरीज है या फिर ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी । डीएस टीबी का मरीज सम्पूर्ण उपचार और पोषक तत्वों से भरपूर खानपान के जरिये मात्र छह माह में ठीक हो जाता है । डीआर टीबी मरीजों को ठीक होने में अठारह माह से दो वर्ष तक का समय लग सकता है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2023 के खिचड़ी मेले में 152 संभावित टीबी रोगियों की स्क्रिनिंग की गयी थी । इस दौरान हुई जांच में तीन टीबी के कंफर्म मरीज मिले थे । इस साल 13 से 18 जनवरी तक 164 संभावित टीबी रोगियों की स्क्रिनिंग की जा चुकी है । इनकी जांच के बाद जो कंफर्म टीबी मरीज मिलेंगे उन्हें समुचित इलाज व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी । टीबी मरीज जब एक बार दवा शुरू कर देता है तो तीन सप्ताह बाद वह संक्रामक नहीं रह जाता है । ऐसे में आवश्यक है कि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा मरीजों को ढूंढ कर उनका इलाज शुरू कराया जाए । खिचड़ी मेले में लगे स्टॉल के संचालन व पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र और मिर्जा आफताब बेग व उनकी टीम को दी गयी है।
हो रहा है प्रचार प्रसार
सहयोगी संस्था वर्ल्ड विजन इंडिया के प्रयासों से टीबी चैम्पियन की मदद लेकर मेले में बीमारी के बारे में जनजागरूकता के भी प्रयास हो रहे हैं। संस्था के जिला समन्वयक शक्ति पांडेय ने बताया कि खिचड़ी मेले में पिछले साल भी यह स्टॉल लगाया गया था। इससे लोगों को जनजागरूकता के साथ मौके पर ही सेवा भी मिल पा रही है। टीबी उन्मूलन में इससे काफी मदद मिलेगी । टीबी चैम्पियन इस कार्य में मदद कर रहे हैं ।