डीएम सभागार में डीएम ने अधिकारियों के साथ किया बैठक……….

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प्रधानमंत्री रैली में आने वाले वाहनों के पार्किंग स्थल का डीएम ने किया स्थलीय निरीक्षण

गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोरखपुर आगमन को लेकर जिला प्रशासन जिलाधिकारी विजय किरन आनंद पार्किंग स्थलों का स्वयं निरीक्षण कर जिलाधिकारी सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया कि पार्किंग व आवागमन सुचारू रूप से संचालित संचालित हो सके आने वाली किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो उसका संबंधित अधिकारीगण पूरा ध्यान रखें जिलाधिकारी सभागार में निरीक्षण के तत्पश्चात जिलाधिकारी ने बैठक कर संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपते हुए निर्देशित किया कि रैली में आने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए उसकी वाहनों को व्यवस्थित स्थानों पर सुव्यवस्थित रखवाया जाए जिससे उसे रैली समाप्त होने के बाद किसी प्रकार की असुविधा ना होने पाए और वह समय से अपने गंतव्य तक पहुंच सके क्यो की मुख्यमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट गोरखपुर का खाद कारखाना खेतों की हरियाली और रोजगार के क्षेत्र में खुशहाली लाने को पूरी तरह तैयार हो चुका। सांसद के रूप में खाद कारखाने के लिए लगातार संघर्षरत रहे और मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इसके समयबद्ध निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले योगी आदित्यनाथ आगामी 7 दिसम्बर को विकास की इस बड़ी सौगात को पीएम मोदी के हाथों समर्पित कराने जा रहे हैं। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा निर्मित इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इतने बड़े पैमाने पर खाद उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आएगी तो आत्मनिर्भरता का दम भी दिखेगा।
गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई। 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तत्समय सांसद योगी आदित्यनाथ की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाद कारखाने के निर्माण में किसी तरह की बाधा ही नहीं रह गई, वरन निर्माण कार्य को पंख लग गए। खास बात यह भी है कि यहां पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस आधारित प्लांट लगाया गया है।
गोराखपुर के खाद कारखाने का संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की है। एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं। इस संयुक्त उपक्रम के अधीन गोरखपुर खाद कारखाने के निर्माण में करीब 8000 करोड़ रुपये की लागत आई है। कारखाना परिसर में 30 करोड़ की लागत से विशेष रबर भी बना है जिस पर गोलियों का भी असर नहीं होता है। एचयूआरएल के इस खाद कारखाने की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उत्पादन की है। इसके उत्पादनशील होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यही नहीं आने वाले दिनों में गोरखपुर में बनी यूरिया से पड़ोसी देश नेपाल की फसलें भी लहलहाएंगी। आने वाले आम जनता को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए पार्किंग पार्किंग स्थलों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवागमन सुचारू रूप से संचालित हो सके आवश्यक दिशा निर्देश दिया जिससे रैली को शांतिपूर्ण तरीके से बेहतर बनाया जा सके निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी विजय किरन आनंद और संबंधित अधिकारी तथा बैठक के दौरान सीडीओ इंद्रजीत सिंह एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।

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