गोरखपुर के युवा लेखक राजल की पुस्तक “राजलनीति टाइम मैनेजमेंट” ने इतिहास रच दिया है | न सिर्फइस किताब ने बेस्टसेलर सूची में शामिल हुई है बल्कि टाइम मैनजमेंट विषय पर किसी भी भारतीय लेखक द्वारा लिखी पुस्तक का अनुवाद इतनी अधिक भाषाओं में नहीं हुआ है | वर्तमान समय में राजलनीति टाइम मैनेजमेंट अंग्रेजी,हिंदी,बांग्ला,मराठी,गुजराती और ओरिया में उपलब्ध है और निकट भविष्य में इसका तेलगु,तमिल,मलयालम इत्यादि जैसी भाषाओं में भी उपलब्ध होगी |
राजल बताते हैं जब उन्होंने यह पुस्तक लिखी थी तो उन्होंने सोचा भी नहीं था की यह पाठकों के लिए इतनी उपयोगी साबित होगी | पुस्तक का पहला संस्करण मात्र 76 पेज का था और यह बहुत सफल साबित हुआ इसके बाद इसमे समय प्रबंधन से जुड़ी और भी उपयोगी शामिल किया गया और पुस्तक 112 पेज की हो गई और यह अपडेटेड संस्करण ऐतिहासिक रूप से सफल रहा | क्योंकि इस पुस्तक के ज्यादातर विद्यार्थी वर्ग के थे इसलिए इसमे 50 पेज का “विद्यार्थियों के लिए समय प्रबंधन” नामक एक नया खंड जोड़ा गया और उसके बाद पुस्तक का अनुवाद अंग्रेजी,बांग्ला,मराठी,गुजराती और ओरिया भाषा में हुआ और जल्द ही यह अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध होगी | राजल इस सफलता को अपने दादाजी स्वO राधेश्याम गुप्त जी को समर्पित किया साथ ही साथ अपनी जन्मभूमि गोरखपुर और गोरखपुर वासियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया |
राजलनीति टाइम मेनेजमेंट का विमोचन उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा हुआ था और इसे भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी के द्वारा शुभकामना संदेश प्राप्त करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ था |राजलनीति श्रंखला की एक अन्य पुस्तक का विमोचन उत्तर प्रदेश के तत्कालीन माननीय राज्यपाल श्री राम नाइक जी द्वारा हुआ था |
समय प्रबंधन के ही बेहतर इस्तेमाल के कारण राजल ने 9 डिग्री/सर्टिफिकेट अर्जित किये जिसमे एल.एल.बी,जर्नलिज्म,बी लेवल,पी.जी.डी.बी.ए जैसी 4 प्रोफेशनल डिग्रियां शामिल है |